tag:blogger.com,1999:blog-7528478000988371278.post3806155138692673566..comments2023-11-03T14:44:51.326+05:30Comments on रेत के महल: क्या हिन्दू धर्म हमें अपने आराध्यों की आलोचना का अधिकार देता है ? Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttp://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comBlogger70125tag:blogger.com,1999:blog-7528478000988371278.post-44782633032016594312019-09-05T20:28:12.119+05:302019-09-05T20:28:12.119+05:30बहुत ही व्यवहारिक पोस्ट है। हर काल के लिए समसामयिक...बहुत ही व्यवहारिक पोस्ट है। हर काल के लिए समसामयिक है। पोस्ट आई हुई टिप्पणी पोस्ट को और अधिक महत्वपूर्ण बना देती है। एक विशाल चर्चा जो हर किसी को पढ़नी समझनी चाहिए।kunwarji'shttps://www.blogger.com/profile/03572872489845150206noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7528478000988371278.post-47960080702019617892014-05-23T04:49:39.534+05:302014-05-23T04:49:39.534+05:30दुर्भाग्य से यह सच है कि धार्मिक दमन के विरोध का ह...दुर्भाग्य से यह सच है कि धार्मिक दमन के विरोध का हल्ला भारत या अमेरिका जैसे देश में/के बारे में खूब मचाया जाता है जबकि क्यूबा, चीन या सऊदी अरब के बारे में ऐसी किसी कमी का कोई विरोध-प्रदर्शन नहीं होता दिखता है। निष्पक्षता की परिभाषा इतनी कठिन तो नहीं होनी चाहिए थी। Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7528478000988371278.post-17398229509055213922014-05-13T08:55:45.678+05:302014-05-13T08:55:45.678+05:30देखती हूँ कि जो बुद्धिमान बद्धिजीवी , अपने आप को र...देखती हूँ कि जो बुद्धिमान बद्धिजीवी , अपने आप को रैशनल और "नास्तिक" या "संशयवादी" कहने वाले वाले विद्वान और विदुशियाँ किसी "हिन्दू" कुरीति आदि पर खूब स्यापा मचाते हैं :<br /><br />वे सब ही नाइजीरिया में 289 स्कूली बच्चियों के इस्लाम के विरुद्ध जाकर पढ़ाई चुनने के गुनाह के कारण हुए अपहरण और उनके इस्लाम को "स्वीकार करने" की खबर पर चुप्पी साधे हैं । मेरे Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7528478000988371278.post-90607206867318820982013-03-07T14:27:42.073+05:302013-03-07T14:27:42.073+05:30maybe ....maybe ....Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7528478000988371278.post-34023403584635685792013-03-07T14:27:04.630+05:302013-03-07T14:27:04.630+05:30on the other hand - if "vISHWAS" is dama...on the other hand - if "vISHWAS" is damaging people - what is these so called scientific people'd AVISHWAS doing ???<br /><br /> what are the achievements of the so called nonbeliever nations in regards to human development (mind - i am not aking about financial and economic status - i am talking of humanity)Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7528478000988371278.post-7102418320083477192013-03-07T14:24:13.570+05:302013-03-07T14:24:13.570+05:30mujhe bhi - lekin isee tarah nindaayein chalti rah...mujhe bhi - lekin isee tarah nindaayein chalti rahin - to aage jaakar ?Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7528478000988371278.post-87717871532551550152013-03-07T14:12:29.328+05:302013-03-07T14:12:29.328+05:30thanks sanjay jithanks sanjay jiShilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7528478000988371278.post-73509324620457329052013-03-07T08:41:47.807+05:302013-03-07T08:41:47.807+05:30हमारा धर्म क्या कोई भी धर्म अपने आराध्यों की आलोचन...हमारा धर्म क्या कोई भी धर्म अपने आराध्यों की आलोचना का अधिकार नहीं देता है फिर भी लोग अपने आराध्यों की आलोचना करते रहते हैं ! दरअसल यह उनकी कमअक्ली के कारण होता है क्योंकि उनके मन में उठने वाली जिज्ञासाओं का समाधान वो सही तरीके से ढूढ पाने में असफल रहते हैं और इसके कारण अपने हि आराध्यों की आलोचना करने लगते हैं ! पूरण खण्डेलवालhttps://www.blogger.com/profile/04860147209904796304noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7528478000988371278.post-59399527419881489222013-03-05T23:48:33.894+05:302013-03-05T23:48:33.894+05:30बहुत सी बातें ऐसी होती हैं जो तर्क से परे रखी जा स...बहुत सी बातें ऐसी होती हैं जो तर्क से परे रखी जा सकती हैं, वहाँ विश्वास ही एकमात्र कसौटी है। अपने धर्म पर, अपने ईष्ट पर विश्वास करना कहाँ से गलत हो सकता है? और अगर किसी की नजर में वो विश्वास नुकसानदायक है भी तो किसके लिये? विश्वास करने वाले के लिये ही न? फ़िर भी लोग हम जैसों के उद्धार के लिए दृढ़प्रतिज्ञ हैं, देखकर अच्छा लगा। <br />"gurudwara mahtiana sahab" के दर्शन दो तीन बार किये हैं, संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7528478000988371278.post-7434417665511879812013-03-05T12:45:32.958+05:302013-03-05T12:45:32.958+05:30इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7528478000988371278.post-5388101909980969132013-03-05T11:39:44.821+05:302013-03-05T11:39:44.821+05:30धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो, प्राणियों में सद्भ...धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो, प्राणियों में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो !<br />मुझे गर्व है की मैं एक हिन्दू हूँ ........पी.एस .भाकुनीhttps://www.blogger.com/profile/10948751292722131939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7528478000988371278.post-58790446870556775762013-03-05T09:56:06.716+05:302013-03-05T09:56:06.716+05:30abhar aur dsadhuwad is post ke liye
pranam.abhar aur dsadhuwad is post ke liye<br /><br /><br />pranam.सञ्जय झाhttps://www.blogger.com/profile/08104105712932320719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7528478000988371278.post-31362669621135709842013-03-04T19:38:54.594+05:302013-03-04T19:38:54.594+05:30@@ हमारे लिए भी आपकी यह पोस्ट आश्चर्य पैदा कर रही ...@@ हमारे लिए भी आपकी यह पोस्ट आश्चर्य पैदा कर रही है। अभी थोड़े दिन पहले आप स्वयं वैदिक यज्ञों और मंदिरों में पशुबलि की आलोचना कर रही थीं और ऐसा करने वालों से उसे छोड़ने की अपील भी कर रही थीं।<br />क्या हिन्दू धर्मग्रंथ आपको ऐसी आलोचना और अपील करने का अधिकार देते हैं ?<br /><br />----<br /><b>- हाँ - देते हैं ।</b><br />और हाँ , अपने ही धर्म को समझने के लिए मुझे आपकी सलाह की आवश्यकता नहीं - Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7528478000988371278.post-20160560566269743372013-03-04T19:23:20.682+05:302013-03-04T19:23:20.682+05:30उस पोस्ट को आपने स्वयं ही "एक हिन्दू भाई ने ल...उस पोस्ट को आपने स्वयं ही "एक हिन्दू भाई ने लिखा" से शुरू कर पोस्ट किया है । इस पर श्याम गुप्ता जी समीक्षासिंह जी की आपत्तियां भी , कि इसे आप हटा लीजिये, आपने मना कर दिया । तो अब मेरे कहने से आप भला क्यों इसे हटाएंगे ? instead - a discussion will start here about that post - which i do not want on my blog ...<br /><br />मैं यहाँ इस पोस्ट का लिंक न तो खुद दूँगी, न ही यदि आपने दिया तो Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7528478000988371278.post-50687014294135266942013-03-04T17:53:20.195+05:302013-03-04T17:53:20.195+05:30अगर आपने हमारे किसी ब्लॉग पर ऐसी कोई पोस्ट देखी है...अगर आपने हमारे किसी ब्लॉग पर ऐसी कोई पोस्ट देखी है तो कृप्या आप सूचित करें। अगर उस पोस्ट का मक़सद शिव जी का अपमान करना होगा तो उसे तुरंत हटा दिया जाएगा। हमसे ज़्यादा शिव जी का सम्मान करने वाला यहां ब्लॉग जगत में दूसरा कोई नहीं है। जब कभी हमने दूसरे की आपत्तिजनक पोस्ट देखी तो हमेशा उसका ख़ुद भी विरोध किया और दूसरों से भी करवाया। हो सकता है कि आपको समझने में कुछ ग़लतफ़हमी हो रही हो।<br />बताईये कि DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7528478000988371278.post-43708890542286300352013-03-04T12:20:09.266+05:302013-03-04T12:20:09.266+05:30 आभार आपका !! आभार आपका !!Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7528478000988371278.post-68197711735348177692013-03-04T12:19:47.010+05:302013-03-04T12:19:47.010+05:30आपका आभार !आपका आभार !Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7528478000988371278.post-79233061691107393102013-03-04T09:59:32.227+05:302013-03-04T09:59:32.227+05:30इतनी भारी - भरकम बहस पढने से रह गयी ...
विद्वान् ...इतनी भारी - भरकम बहस पढने से रह गयी ... <br />विद्वान् विदुषियों के तर्क को एक और रख कर सीधी सच्ची बात हमारे मन की , हमारे लिए हिन्दू होना ऐसा है जैसे कि अपने माता -पिता की संतान , लाख शिकायतें हो सकती है , मगर श्रद्धा और सम्मान कम नहीं हो सकता .<br />और यदि कोई दूसरा व्यक्ति (मेरे धर्म का हो या विधर्मी) मेरे माता पिता को जाने बिना या जानकर भी अपशब्द कहेगा , तो उसका वाजिब जवाब देना आवश्यक होगा !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7528478000988371278.post-75889972525537515542013-03-04T09:32:33.480+05:302013-03-04T09:32:33.480+05:30 संशयात्मा विनश्यति, कभी गुनाहों का देवता में यह... संशयात्मा विनश्यति, कभी गुनाहों का देवता में यह पंक्तियाँ पढ़ी थीं, एक बार अपने एक मित्र से सवाल भी उठाया था कि कृष्ण गीता में क्यों इतने बोल्डली मैं शब्द का प्रयोग करते हैं क्या इससे उनका अहंकार नहीं झलकता। उसने बहुत सुंदर उत्तर दिया कि वो क्रियेटर हैं उन्होंने संसार बनाया है वे इसका सच हमारे सामने रखते हैं। अपने प्वाइंट आफ व्यू को रखना बहुत साहस की बात है और जो इसके लिए अनुदारता शब्द का sourabh sharmahttps://www.blogger.com/profile/11437187263808603551noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7528478000988371278.post-43038419430872752502013-03-03T22:45:32.987+05:302013-03-03T22:45:32.987+05:30:)
प्रवीण शाह ज़नाब,
चलो आपने पूरी टिप से शाकाहार...:)<br /><br />प्रवीण शाह ज़नाब,<br /><br />चलो आपने पूरी टिप से शाकाहार को उद्धरित किया बाकी सभी मुद्दे तो ठीक है. कोई बात नहीं,लगे हाथ शाकाहार पर मेरा मंतव्य व दृष्टिकोण स्पष्ट हो जाएगा.(विषयांतर के लिए शिल्पाजी क्षमा करें)<br /><br />@मैं आहार को धर्म से जोड़ कर नहीं देखना चाहता...<br /><br />प्रवीण शाह ज़नाब,<br /><br />आहार को मैं भी धर्म से जोडकर नहीँ देखता, मैँ क्या हम ('निरामिष' एक सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7528478000988371278.post-48523058102522587132013-03-03T22:28:15.658+05:302013-03-03T22:28:15.658+05:30यदि कोई किसी और धर्म के सम्मानित नामों पर कुछ भी न...यदि कोई किसी और धर्म के सम्मानित नामों पर कुछ भी निंदाजनक कहे , तो सब उस कहने वाले को धर्म निरपेक्षता का पाठ पढ़ाते हैं । ..... लेकिन हिन्दू आराध्यों पर सबको निंदाजनक बातें , न सिर्फ कहनी हैं, बल्कि किसी ने इस निंदा का विरोध करने का साहस किया, तो उस पर बौध्हिक दबाव डाला जा रहा है कि उस ने ऐसा करने का साहस कैसे कर लिया ?? <br /><br />मुझे <br />"अनुदार , कट्टर, अतार्किक" आदि आदि Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7528478000988371278.post-15349169589730649462013-03-03T20:25:07.749+05:302013-03-03T20:25:07.749+05:30इस पोस्ट से मात्र यही सँदेश प्रकट होता है कि "...<b>इस पोस्ट से मात्र यही सँदेश प्रकट होता है कि "हिंदुओं को अपने इष्ट व आराध्यों की आलोचना नहीं करना चाहिए"<br /><br />मुझे आश्चर्य होता है कि 'अपने ही आराध्यों के सम्मान रक्षण' से असहिष्णुता,अनुदारता,कट्टरता कैसे फैल सकती है? इसमें एक ही पक्ष है तो पक्षपात जैसा क्या है? धर्मों के रगड़ों झगड़ों जैसा क्या है? <br /><br />अथवा फिर भय खाना ही हमारी नियति बन चुकी है. <br /><br />क्या सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7528478000988371278.post-10432015309902331372013-03-03T19:42:21.316+05:302013-03-03T19:42:21.316+05:30.
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सुज्ञ जी पूछते हैं...
'इनकी निरपेक्षता ....<br />.<br />.<br />सुज्ञ जी पूछते हैं...<br /><br /><b>'इनकी निरपेक्षता मॉडल की अवधारणा ही ऐसी है,वे करे तो क्या करें. वे अहिंसा के उद्देश्य से शाकाहार का समर्थन कर सकते थे, शाकाहार के लिए तो उन्हें कोई नहीं कहता कि आप किसी पाखण्ड का समर्थन कर रहे है. लेकिन आपने सामने से बढ चढ कर माँसाहार का न केवल समर्थन किया बल्कि उनके फेवर के लिए तर्कों बे-तर्कों की श्ंखला मुहेया करते रहे. जब मांसाहार प्रवीण https://www.blogger.com/profile/14904134587958367033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7528478000988371278.post-86907016210041792742013-03-03T17:09:02.620+05:302013-03-03T17:09:02.620+05:30that is true - but unfortunately, i have seen a ve...that is true - but unfortunately, i have seen a very insulting post on the shivlinga on your own blog respected jamaal ji Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7528478000988371278.post-80746363766638516852013-03-03T17:07:30.472+05:302013-03-03T17:07:30.472+05:30thanks smart indian jithanks smart indian jiShilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.com