मेरी छात्राओं के बेच ने यह प्रोजेक्ट बनाया है :- लकवा ग्रस्त मरीजों के लिए उपकरण नियंत्रक
अब आते हैं रिसीवर पर ।
यह चित्र देखिये :
1. सबसे पहले ज़िग्बी रिसीवर सिग्नल्स को पकड़ेगा, और इन्हें माइक्रो कंट्रोलर को देगा ।
MULTIDEVICE
CONTROL USING HEAD MOVEMENT FOR: PHYSICALLY IMPAIRED, SPINAL CHORD INJURED AND
PARALYSED PATIENTS
Project Guide : Prof. Shilpa
Mehta ,M.E (PhD)
Associates : Tabassum.M, Anusha.K.R, Akshatha.B., Yamini.S
Associates : Tabassum.M, Anusha.K.R, Akshatha.B., Yamini.S
बहुत अच्छा प्रोजेक्ट है ।ये लड़कियां KSCST द्वारा भी प्रोत्साहित की गयी हैं, और प्रोजेक्ट स्टेट कोम्पिटीशन में जायेगा । सर्वश्रेष्ठ चुना जाएगा या नहीं, यह मायने नहीं रखता । मायने यह रखता है की यह एक बहुत ही अच्छा प्रोजेक्ट है, जो कई लोगों के जीवन को नयी दिशा दे सकता है ।
[ NOTE : They won the best project award - 14/7/12 ]
[ NOTE : They won the best project award - 14/7/12 ]
कई बार किसी एक्सीडेंट आदि के कारण रीढ़ की हड्डी में चोट आदि आ जाती है, जिससे इंसान का अपने शरीर पर नियंत्रण नहीं रहता । ऐसे कई मरीज अपनी गर्दन तो हिला सकते हैं, परन्तु बाकी शरीर उनके मस्तिष्क के कहे अनुसार काम नहीं करता । ऐसे में वे पूरी तरह अपनी देख रेख करने वालों पर निर्भर हो जाते हैं । इस प्रोजेक्ट के द्वारा मरीज स्वयं ही अपने गर्दन को हिला कर घर के उपकरण - पंखा, बल्ब आदि नियंत्रित कर सकते हैं । यही कंट्रोल दूसरी चीज़ों के लिए भी बढ़ाया जा सकता है - जैसे व्हील चेअर को अपने पास बुलाना, अलार्म बजाना जिससे कोई आये आदि ।
इस प्रोजेक्ट में "फ्लेक्स सेंसर " से युक्त लचीली मुलायम पट्टी (जैसी हम मांसपेशियों में खिंचाव आदि पर इस्तेमाल करते हैं ) मरीज के गर्दन की नाप की बनाई जायेगी - जिसमे यह फ्लेक्स सेंसर लगा होगा ।
1. फ्लेक्स सेंसर गर्दन के मुड़ने से खींचेगा - सीधे या उलटे हाथ की और । जब यह खींचेगा तो लम्बा होगा और इसके इलेक्ट्रिकल रेज़िज्तंस बदलेगा । इस बदले हुए प्रतिरोध के कारण वोल्टेज बदलेगा ।
2. वोल्टेज के बदलाव को ADC द्वारा एनेलोग से डिजिटल में बदला जाता है ।
3. फिर यह डिजिटल वोल्टेज माइक्रो कंट्रोलर को दिया जाता है । माइक्रो कंट्रोलर सिग्नल देता है ।
4. इन सिग्नल्स को ज़िग्बी ट्रांसमीटर से भेजा जाता है । यह ऐसे है जैसे यहाँ चित्र में दिखा रही हूँ ।
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यह चित्र देखिये :
2. माइक्रो कंट्रोलर इन सिग्नल्स को समझेगा - और निश्चित करेगा की पेशेंट ने क्या करने को कहा है । जैसे - यदि पेशेंट ने दाई और गर्दन झुकाई तो पंखा ओन हो आदि ।
3. फिर माइक्रो कंट्रोलर रिले को सिग्नल देगा जिससे यह ओन या ऑफ़ हो जायेंगी ।
4. अंततः रिले के ओन ऑफ़ होने से पंखा बल्ब आदि शुरू और बंद होंगे ।
आप ऊपर चित्र में देख सकते हैं - दिमोंस्त्रेट करने के लिए उसमे एक बल्ब और एक पंखा है - जो मेरी छात्रा गर्दन हिला कर कंट्रोल कर रही थी ।
पूरा अरेंजमेंट यहाँ है :
ये लोग जून या जुलाई के महीने में कोम्पिटीशन के लिए जायेंगे । देखें - वहां क्या होता है ? पिछले साल तो मेरी छात्राओं ( कीर्ति, नागम्मा, रोहिणी, और राइसा ) ने "Agricultural Robot " के लिए बेस्ट प्रोजेक्ट अवार्ड जीता था ।
3. फिर माइक्रो कंट्रोलर रिले को सिग्नल देगा जिससे यह ओन या ऑफ़ हो जायेंगी ।
4. अंततः रिले के ओन ऑफ़ होने से पंखा बल्ब आदि शुरू और बंद होंगे ।
आप ऊपर चित्र में देख सकते हैं - दिमोंस्त्रेट करने के लिए उसमे एक बल्ब और एक पंखा है - जो मेरी छात्रा गर्दन हिला कर कंट्रोल कर रही थी ।
पूरा अरेंजमेंट यहाँ है :
बाए हाथ को फ्लेक्स पट्टी के साथ जुड़ा हुआ ट्रांसमीटर है, और दायें हाथ पर रिसीवर है जिसमे पंखा और बल्ब लगे हैं । यह प्रोजेक्ट काम कर रहा है । आशा है की यह कमर्शियली भी सफल हो और कई लोगों के जीवन को कुछ आसान बना सके ।
कल इस पोस्ट में चारों छात्राओं की प्रोजेक्ट के साथ तस्वीर लगाऊँगी ।
इस विडिओ में यह छात्राएं समझा रही हैं कि यह काम कैसे करता है ।
इस विडिओ में यह छात्राएं समझा रही हैं कि यह काम कैसे करता है ।
ये लोग जून या जुलाई के महीने में कोम्पिटीशन के लिए जायेंगे । देखें - वहां क्या होता है ? पिछले साल तो मेरी छात्राओं ( कीर्ति, नागम्मा, रोहिणी, और राइसा ) ने "Agricultural Robot " के लिए बेस्ट प्रोजेक्ट अवार्ड जीता था ।
आप सभी का आभार इसे पढने के लिए :) । यदि आप मेरी इन प्रतिभाशाली बेटियों को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ कहना चाहें तो टिप्पणियों में अवश्य कहें । यह टिप्पणियां इन्हें और इनके माता पिता को भेजूंगी :) दो तीन दिन बाद दूसरे प्रोजेक्ट बैच का प्रोजेक्ट भी पोस्ट के रूप में यहाँ शेअर करूंगी ।
They won the best project award - 14/7/12
They won the best project award - 14/7/12
आपको और प्रतिभाशाली छात्राओं को हार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंaabhaar :)
हटाएंप्रेरक जानकारी! बच्चों को पढाई के साथ-साथ कुछ सार्थक करने और ज़िम्मेदार नागरिक बनने का अवसर मिले, इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है। उनका भरपूर उत्साहवर्धन होना चाहिये! मैं एक ऐसे व्यक्ति को जानता हूँ जो गोली लगने के बाद से गर्दन से नीचे के शरीर पर नियंत्रण खो बैठे थे और उसी स्थिति में कई वर्ष तक जीये। ऐसे प्रयोग उन सभी लोगों का जीवनस्तर सुधारने में किसी वरदान की तरह सिद्ध होंगे। सभी छात्राओं को शुभकामनायें और शिक्षकों का आभार!
जवाब देंहटाएंji - bacche mehnat to kar rahe hain - dekhein yah vyaavasaayik taur par safal hota hai ya nahi ? isme doctors ka bhi yogdan hona avashyak hai |
हटाएंअच्छी प्रविधि और इन्नोवेशन
जवाब देंहटाएंआवश्यकता आविष्कार की जननी है .... पर इंसान की मूलभूत आवश्यकताओं, उनके उत्थान की चीज़ों कों ध्यान देना और उसके प्रति काम करना लगन मांगता है ...
जवाब देंहटाएंबच्चे इस दिशा में कुछ सार्थक करें सफल हों ऐसी शुभकामनाये हैं ...
aabhaar |
हटाएंबच्चों को बहुत-बहुत बधाई। यह डिवाइस मानव शरीर पर पड़ने वाले सम्भावित इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इफ़ेक्ट के ट्रायल के बाद उपयोगी हो सकता है। सफलता के लिये मेरी शुभकामनायें ...।
जवाब देंहटाएंji | vaise zigbee transmitter ka faayda yahi hai ki aam transmitters kee apeksha iska power kam hai | mobile phone ke asar se to bahut halka | study kee jaa sakti hai |
हटाएंpoint is - we CANNOT connect the real 230 volts supply switch to the patients body - in case of accidental shock etc - he wont even be able to move away to escape it. so this method is safe, because the patients body is away from the actual voltage supply, only cell voltage ....
यह यंत्र एक व्यक्ति के जीवन को किस तरह बदल देगा इसके सोचने मात्र से खुशी होती है...आपको और आपकी छात्राओं को बधाई और शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंji
हटाएंabhaar aapka :)
bahut hi mahatvpoorn jankari mili shilpa ji sadar abhar .
जवाब देंहटाएंआप लोगों की मेहनत का नतीजा अवश्य निकलेगा !
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें !
Bahut bahut shubhakaamanaae.........proper guidence mile to bachche bahut kuchh kar sakte hai ...ye project isis ka nateeja hai.....jarur bhavishya me aur behatar hoga.....
जवाब देंहटाएंbachcho ko -Best of luck...
Kudos
जवाब देंहटाएंकिसी मरीज और उसके परिवार वालों के लिए ऐसे उपकरण कितने उपयोगी हो सकते हैं, अंदाजा लगा पाना आसान नहीं है| पहले ये पोस्ट नहीं पढ़ पाया था वरना शुभकामनाएं देता, अब सीधे बधाई स्वीकार कीजिये और आपकी बेटियों के साथ खुशी शेयर कीजिये| खुशी सिर्फ फर्स्ट प्राईज़ की नहीं, वास्तव में एक जनोपयोगी कार्य को रिकोग्नाईज़ किये जाने की भी है|
जवाब देंहटाएं@शिल्पा जी, कीर्ति, नागम्मा, रोहिणी, राइसा
जवाब देंहटाएंहमें आप पर गर्व है |
आपके प्रयास को नमन करते हुए मैं आप सभी को ढेरों बधाइयां और शुभकामनाएँ देता हूँ |
- गौरव(राजस्थान)
gaurav ji, thanks - these are my four daughters who won the best project award last year, for agricultural robot.
हटाएंthis year it is akshata, anusha, tabassum, yamini, for multidevice controller.
i am equally proud of all of them, and also of my other batches whose projects were also very good ( even though they were not recognized with awards.)
मोडरेशन से निकलने के बाद देखा की कमेन्ट में बीच की लाइन मिस हो गयी जिसमें चारों प्रतिभाओं के नाम भी थे..दरअसल आपके दोनों ब्लॉग एक साथ खोले हुए थे
हटाएंखैर कोई बात नहीं ...... वैसे अभी सोच रहा था की काश मैं भी आपका स्टुडेंट होता :)
बहुत सुन्दर। बहुत अच्छा प्रयास है यह।
जवाब देंहटाएंआपकी छात्राओं को शुभकामनायें। :)