घन अचरज भया भाया।
तुलसी की पंक्ति पर कितना
तुमने बवाल मचाया।
मनुस्मृति की शब्दावली ले
संस्कृति को गरियाया।
राम किशन सबके अपकर्मों का
तुमने हिसाब लगाया।
लेकिन अपने गिरेहबान में तुमको
काला कुछ नजर न आया!!
घन घन घन अचरज है भाया!!
गाज़ा के बच्चों के लिए
मन मन भर दुआएं भाया
लेकिन उत्तराखंड की आपदा
धर्मान्धों की मूरखता कहलाया :(
आईसिस ने यज़ीदी मारे
बोकोहारम ने उठवायी बच्चियां
लेकिन सेकुलर उफ़ न कह पाया
मोहन भागवद के शब्द साम्प्रदायिक
कांगी युवराजा मंदिर वालों को
लड़कियां छेड़ने वाले गुंडे कह
साफ़ सफ़ेद निकल आया ....
घन घन अचरज भया भाया।
मेरठ की लड़की दिखी न तुमको
रोजा रोटी रटते पाया
घन घन घन अचरज है भाया !!! :( :(
तुलसी की पंक्ति पर कितना
तुमने बवाल मचाया।
मनुस्मृति की शब्दावली ले
संस्कृति को गरियाया।
राम किशन सबके अपकर्मों का
तुमने हिसाब लगाया।
लेकिन अपने गिरेहबान में तुमको
काला कुछ नजर न आया!!
घन घन घन अचरज है भाया!!
गाज़ा के बच्चों के लिए
मन मन भर दुआएं भाया
लेकिन उत्तराखंड की आपदा
धर्मान्धों की मूरखता कहलाया :(
आईसिस ने यज़ीदी मारे
बोकोहारम ने उठवायी बच्चियां
लेकिन सेकुलर उफ़ न कह पाया
मोहन भागवद के शब्द साम्प्रदायिक
कांगी युवराजा मंदिर वालों को
लड़कियां छेड़ने वाले गुंडे कह
साफ़ सफ़ेद निकल आया ....
घन घन अचरज भया भाया।
मेरठ की लड़की दिखी न तुमको
रोजा रोटी रटते पाया
घन घन घन अचरज है भाया !!! :( :(