हम सभी को हमारे गणतंत्र दिवस की बधाईयाँ और शुभकामनायें ।
हमारा भारत,
हमारा संविधान
हमारी प्रभुसत्ता
फिर हम क्या कर रहे हैं ?
क्या हमारा योगदान सिर्फ शिकायत / व्यंग्य / आलोचना ही होना चाहिए ?
"यह बुरा है" --- "वह बेकार है" ----
लेकिन - सवाल यह भी पूछें अपने आप से, कि हम खुद - सिर्फ इस शिकायत के अलावा - और अपने परिवार की गुज़र बसर के अलावा - कुछ कर रहे हैं क्या स्थितियों को बदलने के लिए ? आज हममे से कितने लोगों ने ध्वजारोहण और झंडावंदन में हिस्सा लिया ? (न कि-एक दिन छुट्टी मिली है, आज घर में ही आराम हो - कह कर एन्जॉय किया ?) यदि लिया - तो क्या हम सावधान मुद्रा में खड़े थे तब ?
हम कहते हैं की शहीदों ने अपनी जानें दीं - और आज देश का हाल तो देखो !!! परन्तु हम यह चाहते हैं की उन शहीदों की तरह ही देश की सेवा करने को कोई और आगे आये - हमारे कंधे सिर्फ अपने परिवार की जिम्मेदारियों से ही थक गए हैं, देश की ज़िम्मेदारी कोई और उठाये । आइये - हम भी कुछ योगदान करें - अपना छोटा सा योगदान - हममे से हर एक अपना छोटा सा हिस्सा करे - शुरुआत हो ।
आइये, हम सभी याद करें -
हम भारत के लोग, भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को : सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त करने के लिए तथा उन सबमें व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखण्डता सुनिश्चित करनेवाली बंधुता बढाने के लिए दृढ संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर, 1949 ई0 (मिति मार्ग शीर्ष शुक्ल सप्तमी, सम्वत् दो हजार छह विक्रमी) को एतद द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।बधाईयाँ
शुभकामनायें
बहुत ही बढ़िया लिखा है ... आलोचना से ऊपर आत्मविश्लेषण भी करें ,आइये - हम भी कुछ योगदान करें
जवाब देंहटाएंहर नागरिक में कर्तव्यबोध चाहिए!!
जवाब देंहटाएंजागृति प्रेरक आलेख!! शुभकामनाएं!!
हमारे यहां तो ध्वजारोहण, राष्ट्रगान के पश्चात कम से कम दो घंटे तक गणतंत्र दिवस पर चर्चा होती रही। कुछ ने काव्य पाठ किया तो कुछ ने शहीदों के प्रेरक संदर्भों के साथ विस्तृत व्याख्यान दिया। जलियांवाला बाग कांड, जनरल डायर, हंटर कमीशन से लेकर 26 जनवरी 1930 लाहौर अधिवेशन में गूँजे संपूर्ण स्वतंत्रता की घोषणा की भी चर्चा हुई। जिसके कारण 26 जनवरी को ही संविधान लागू किया गया।
जवाब देंहटाएं..धन्यवाद।
सभी देशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें.... जय हिंद
जवाब देंहटाएंरश्मि जी, सुज्ञ भैया - आभार :)
जवाब देंहटाएंदेवेन्द्र जी - बहुत ख़ुशी हुई कि आप लोगों ने इतने दिल से हमारा यह त्यौहार मनाया | हम सभी को बधाईयाँ , अपने इस त्यौहार की |
चैतन्य बेटे जी - आपको भी अपने प्यारे भारत देश के गणतंत्र दिवस की बहुत बहुत बधाईयाँ, यह देश आपका है | आप बच्चे ही इस देश के भविष्य हैं | इसे खूब आगे लेकर जाइएगा :) |जय हिंद |आपकी मम्मी का ब्लॉग बड़े समय से पढ़ती हूँ, नहीं जानती थी की आप भी ब्लॉग लिखते हैं :)