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गुरुवार, 25 अक्टूबर 2012

फेसबुक और ब्लॉगिंग

उफ़ यह फेसबुक
यह निखट्टू ब्लोगिंग
काम धरे रह जाते सारे
हो न पाती जॉगिंग :( :(

कंप्यूटर पर आते
करने को दो काम
फेसबुक अपडेट देखते
जाने कब हो जाती शाम

काम धरे रह जाते सारे
कुर्सी से फेविकोल का जोड़
फेसबुक और ब्लोगिंग ने
बना लिया गठजोड़

ट्रेडमिल बुला रही
बीप - बीप आवाजें मार
हम उसको कह रहे
तनिक ठहरो न यार  :)

"प्रोग्राम" काम का आधा ही बस
टाईप हुआ धरा है
रोज़ लगे कल पूरा होगा
बचा बस ज़रा ज़रा है

फिर आती सिस्टम पर
बैठकी लगाने
और समय बर्बाद करती
फेसबुक के बहाने ....
:) :)
:( :(

17 टिप्‍पणियां:

  1. :) :)
    :( :(

    क्या बात है शिल्पा बहिन.
    हँसते हँसते रोऊँ या
    रोते रोते हँसूँ.

    आखिर हँसा ही दिया आपने.
    :) :) ही...ही..ही...

    जवाब देंहटाएं
  2. सबके मन की बातें लिख दीं आपने।
    लागी नाहीं छूटे रामा..चाहे जीया जाये...

    जवाब देंहटाएं
  3. हा हा हा ………सब सही कहा है :) :) :)

    जवाब देंहटाएं
  4. .
    .
    .
    मुझे तो फेसबुक से नफरत सी है, क्योंकि इसने कई संभावनाशील ब्लॉगरों को हमसे छीन लिया है...



    ..

    जवाब देंहटाएं
  5. आम जनता के कष्ट का मार्मिक चित्रण! :)

    जवाब देंहटाएं
  6. addig 4 lines today -after discussion on vani ji's facebook status :)

    haath me aa jaaye moch, ya kamar me nas khinch jaaye -
    fir bhi yah facebook ka chaska - hamse na chhodaa jaaye

    soch rahe ham subah se - tanik kar lein aaraam
    lekin mui facebook ne - kiya hai kaam tamaam

    जवाब देंहटाएं