पंजाब केसरी के बारे में हम सब ही जानते हैं । 28 जनवरी को जन्मे लालाजी एक लेखक और अडिग नेता थे । कोंग्रेस के नरम रवैये के साथ सहमत न रहने से, लालाजी ने कोंग्रेस के "गरम दल" का निर्माण किया, जो "लाल बाल पाल" समूह भी कहलाया ( गरम दल में लाला लाजपत राय के साथ बाल गंगाधर तिलक और बिपिन चन्द्र पाल शामिल थे)
साइमन कमीशन के विरोध प्रदर्शन में पुलिस लाठीचार्ज से ये बुरी तरह घायल हुए और 17 नवम्बर 1928 को इन्होने देह त्याग कर दिया
सादर श्रद्धांजलि - यह शब्द वह व्यक्त नहीं कर सकता जो इन महान देशभक्तों के लिए मेरे मन में है, लेकिन बेहतर शब्द न होने से सिर्फ सादर श्रद्धांजलि ही कह सकती हूँ ।
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सादर नमन ||
जवाब देंहटाएंलाला लाजपतराय जी को शत शत नमन..
जवाब देंहटाएंलाला जी को शत शत नमन !
जवाब देंहटाएंबाल श्रम, आप और हम - ब्लॉग बुलेटिन आज की ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
स्वतंत्रता की लड़ाई के एक सच्चे सेनानी को शत शत नमन।
जवाब देंहटाएंश्रद्धांजलि! लाहौर में लाला लाजपत राय के 'पंजाब नेशनल कॉलेज' में ही सरदार भगतसिंह, यशपाल, भगवतीचरण वोहरा, सुखदेव, तीर्थराम, झण्डासिंह आदि क्रांतिकारियों का मिलन हुआ था और लालाजी की निर्मम हत्या ने ही क्रान्ति की चिंगारी को मशाल बना दिया था।
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