क्या आप जानते हैं कि दूरी कैसे मापी जाती है? बिल्कुल!!! हम सब जानते हैं, है ना?
मान लीजिए कि मैं एक नोटबुक को मापना चाहती हूं, मैं एक पैमाना/रूलर लूंगी, एक किनारे पर शून्य का निशान रखूंगी, और विपरीत किनारे पर रीडिंग की जांच करूंगी। यदि नापी जाने वाली वस्तु बड़ी है (मान लीजिए एक मेज), तो हम मापक के स्थान पर मापन फीते का उपयोग करते हैं। इससे भी लंबी दूरी का आकार हो तो? जैसे एक कमरे की लंबाई? कुछ भी मुश्किल नहीं है, हम उस जगह को चिह्नित करेंगे जहां टेप समाप्त होता है, इसे स्थानांतरित करेंगे, और कमरे के विपरीत कोने तक पहुंचने तक फिर फिर से शुरू करते जाएंगे। अब बस अलग-अलग नापों का जोड़ हमें कमरे की कुल लम्बाई बता देगा।
अब शहरों के बीच की दूरी
का क्या? यह एक कठिन
चुनौती हो सकती है, कि नापने के टेप को मुंबई से दिल्ली तक पूरी दूरी पर ले बार बार जमीन से उठा उठा कर रखा जाए और इस तरह वहां तक ले जाया
जाए, है ना? ---- फिर? फिर कुछ मुश्किल नहीं. सिविल इंजिनियर एक सर्वे तकनीक जानते हैं, वे अपनी सर्वे मशीन्स को धरती पर टिका कर कुछ रीडिंग्स लेते हैं और बस हो गया :)
लेकिंग आसमान में सर्वे मशीन कैसे रखी जायेगी? क्या हम बुध ग्रह पर मशीन रख कर वहां से रीडिंग ले पाएंगे की मंगल ग्रह कितना दूर है उससे? नहीं न? फिर क्या करें?
बहुत आसान है. आप जहाँ भी बैठे हैं अभी, वहां से करीब १०-२० मीटर दूरी की कोई एक वस्तु का कोई एक कोना चुन लीजिये. कोई भी वस्तु चुन सकते हैं - पंखा, टीवी, खिड़की का ऊपरी कोना, बाहर दीखता कोई पेड़ आदि। अब अपनी एक आँख बंद करें और एक हाथ से उस बिंदु पर point करें - आपकी ऊँगली ठीक उस पॉइंट पर हो। हो गया? अब वह आँख खोल कर दूसरी आँख बंद करें. आपकी ऊँगली उस बिंदु से हट गयी होगी। इसे parallax कहते हैं। आप सब बचपन में रेखागणित (ज्योमेट्री ) में त्रिभुजों (triangles) के बारे में पढ़ चुके होंगे। हमारे हाथ की ऊँगली हमारी आँख से कितनी दूर थी और वह वस्तु कितनी दूर है इन दोनों का सम्बन्ध इस बात से है की वह वस्तु कितनी दूर हिली हुई प्रतीत होगी। ठीक यही आप बिना किसी दूरी की चीज़ को देखे भी कर सकते हैं, आपकी दोनों आँखों के बीच नाक है। बस अपने मोबाइल या लैपटॉप की तरफ देखते हुए (जो भी अक्षर पढ़ रहे है उसे ही देख लीजिए ) पहले एक फिर दूसरी आँख बंद करें और खोलें. आपको अपना वह अक्षर हर बार हिलता हुआ दिखेगा, और इसकी दूरी आपकी नाक के कारण आपकी दोनों आँखों से जो parallax बन रहा है उसके बारे में बताएगा। या फिर अपनी नाक के किनारे को ही एक एक आँख बंद करते खोलते हुए देखें, वह भी हिलता नज़र आएगा. यह सब एक ही रेखागणित पर आधारित है।
इसी तरह अपने से कुछ दूर एक ऊँची इमारत की छत के एक कोने पर देखें, एक आँख बंद कर हाथ दूर रखते हुए एक ऊँगली एक कोने पर पॉइंट करें, और फिर उस आँख को बंद कर दूसरी आंख खोल कर देखें। इस तरह उस ईमारत की दूरी/ ऊंचाई (नीचे से ऊपर देखते हुए) आप जान सकते हैं। मैं फार्मूला वगैरह नहीं लिख रही, सब कुछ गूगल पर उपलब्ध है। मैं सिर्फ तरीके की बात कर रही हूँ यहां।
अब इसी तरह अपने घर के आगे या किसी और ऊँची इमारत (जिसकी ऊंचाई आप जानते हैं) के कोने से चन्द्रमा को एक आँख से align करने के बाद दूसरी आँख से देखे, आप उस की दूरी जान सकते हैं। ( छत के कोने को अपनी ऊँगली समझें और दूर आसमान में चाँद को एक एक कर दोनों आँखों से देखें)
अब आगे की पोस्ट अभी ही पढ़ेंगे या कल? आपकी मर्जी है , मैं यहीं लिख रही हूँ, आप अपने कम्फर्ट से तय कीजिये की एक बार में पढ़ना है या टुकड़ों में।
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अब आप ऊपर के चित्र को समझ चुके होंगे। आप यह भी जानते हैं की चाँद की दूरी धरती से कितनी है। अब आप याद कीजिये, क्या आप कभी किसी पुराने भारतीय जंतर मंतर पर गए हैं? दिल्ली में एक है ,उज्जैन, जयपुर, चेन्नई, में भी। गूगल पर मिल जायेगा, एक लिंक यह रहा https://en.wikipedia.org/wiki/Jantar_Mantar
फिर मिलेंगे, स्वस्थ्य रहिये, प्रसन्न रहिये ....
I read this post your post so nice and very informative post thanks for sharing this post keep it up! thank you
जवाब देंहटाएंone of the best artical i am reading your artical thanks People rojgar
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