Original english poem : Theodore Tilton
यह मेरी पोएम नहीं है - बहुत अच्छी लगी - ट्रांसलेशन कर रही हूँ ....
बहुत पुरानी बात है - नानी ने सुनाई थी ;
एक राजा ने अंगूठी में - बात यह खुदवाई थी ;
हर वक्त और हर समय - बात में सच्चाई थी
" यह समय भी गुज़रेगा "- इतनी ही लिखाई थी |
कारवां हाथी - घोड़ों के , दुनिया भर से आते थे ,
चांदी सोने रत्नों के - बक्से भर कर लाते थे ,
मुकुट मोती हार हीरों के - कोशों में भर जाते थे ,
लेकिन पाकर यह सब भी - राजा शांत ही रहता था
" यह समय भी गुज़रेगा " - इतना ही बस कहता था
मुश्किल की घड़ियाँ आतीं तो - धीरज कभी न खोता वो
कितनी बड़ी परीक्षा हो - शांत संयमित होता वो
मन में मानता यही और - बाहर भी यही कहता वो
" यह समय भी गुज़रेगा " संयत होकर रहता वो ...
beautiful........
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