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शनिवार, 26 नवंबर 2011

टेलीफोन नंबर


एक अच्छी सी कहानी याद आ रही है - किसी ने सुनाई थी कभी....

तो हुआ यूँ की एक महिला का टेलीफोन नंबर काफी सालों से चला आ रहा था - और अब उनके ही शहर में एक बड़ा होटल खुला था. उस होटल को भी मिलता जुलता सा नंबर दिया गया | अब तो आये दिन सुबह शाम महिला के पास उस होटल के फोन कॉल आते और वह रोंग नंबर कह कह कर परेशान होती रहतीं | उन्होंने कई तरह कोशिश की की टेलीफोन कंपनी होटल को कोई और नंबर दे दे - क्योंकि वह इतने सालों से यह नंबर इस्तेमाल करती रही हैं, और इसे नहीं बदलना चाहतीं ! लेकिन टेलीफोन कम्पनी ने उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया | उन्होंने होटल वालों से भी रिक्वेस्ट की - लेकिन उनके तो सारे नोटपेड वगैरह बदलने की प्रॉब्लम थी |

तो कुछ हल निकल नहीं रहा था, और महिला अपना नंबर बदलना नहीं चाहती थीं |

अब उन्होंने ये किया - कि जो कॉल आते - वे कुछ भी जवाब एक्सेप्ट कर लेतीं - जैसे किसी ने फोन किया की थर्ड फ्लोर पर कमरा नंबर ३०५ एक हफ्ते के लिए बुक करिए - तो हाँ - और किसी और को भी उस ही कमरे के लिए हाँ!! कोंफेरेंस हाल एक ही समय पर शादी के लिए भी बुक और किसी और सगाई के लिए भी | अब आश्चर्य की कोई बात ही नहीं की कुछ ही महीनों में होटल कंगाली की कगार पर पहुँच गया था | 

अब महिला के पास फोन आया - " हमने सुना है की आप यह होटल बेच रहे हैं - क्या आपको ____ रुपये में सौदा मंज़ूर है?" महिला ने कहा "ज़रूर - शर्त सिर्फ इतनी है की आपको होटल खरीदते ही अपना फोन नंबर बदल लेंगे !!!" 

फिर मिलेंगे 
:)
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